February 26, 2017 MAHASHIVARATRI ShareYou may also likeभविष्य का युवा और अच्छे व्यक्तिअव्यभ्चारिणी भक्ति का क्या अर्थ है
गुरूजी श्री चरण वंदन
तेरे मिलने से पहले भी जीते थे हम ,,
जीने वाली मगर बात कोई न थी ,,,,
मुस्कुराती हुई सुबह कोई न थी ,,
गुनगुनाती हुई रात कोई न थी ,,,,,तेरे मिलने से ————-
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